बरेली। नई दिल्ली की सामाजिक संस्था शक्ति वाहिनी के अध्यक्ष एंव सुप्रीम के अधिवक्ता अध्यक्ष रविकांत ने बच्चों और महिलाओं को लेकर बने नए कानूनों के मुताबिक पुलिस के कार्रवाई करने को कहा। उन्होंने कहा कि मानव तस्करी और बाल संरक्षण कानूनों को लेकर संवेदनशीलता होने की जरूरत है। मानव तस्करी करने वाले गिरोह किसी की बच्चे को भी गायब करके उसकी जिंदगी बर्बाद कर सकते हैं। बरेली मंडल से नेपाल का बार्डर टच होता है। नेपाल में भूकंप आने के बाद से मानव तस्करी करने वाले इसी इलाके में सबसे ज्यादा सक्रिय हो गए हैं। वे काम के बहाने नेपाल से लड़कियों को लाकर उन्हें वैश्यावृत्ति के धंधे में उतार देते हैं।
वह पुलिस लाइंस से मनोरंजन सदन में मानव तस्करी और बाल संरक्षण को लेकर हुई जोन स्तरीय वर्कशाप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि देश में सैक्स सबसे बड़ा कारोबार बनकर उभर रहा है। पश्चिमी यूपी में भी सहारनपुर, बागपत, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली और बदायूं जैसे तमाम ऐसे जिले हैं जहां लड़कों की मुकाबले लड़कियों की संख्या कम हैं। इस बिगड़ते अनुपात की वजह कन्या भ्रूण हत्या है। इन पश्चिमी बंगाल, बिहार से यहां लड़कियां खरीदकर लाने के बाद उनकी जबरन शादी कराई जाती है। देश में सबसे बुरा हाल हरियाणा का है। वहां जबरन शादी करने के सबसे ज्यादा मामले आ रहे हैं। मानव अंगों के लिए भी बच्चों को भी तस्करी करने वाले गिरोह के लोग उठा लेते हैं। बाल मजदूरी, बेगारी के भी तमाम मामले आ रहे हैं, पुलिस इन मामलों को हल्के में लेकर छोड़ देती है। ऐसा नहीं होना चाहिए। बच्चों के गुम होने की सूचना मिले तो उसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। कोई बच्चा कहीं भी मिलता है, बरामद होता है तो उसके संरक्षण के लिए बाल कल्याण समिति के संपर्क करें। पीड़ित बच्चियों से बयान लेने से पहले उसकी काउंसलिंग करा लें। जिला प्रोवेशन अधिकारी की भी मामला जानकारी में होना चाहिए। आईजी विजय सिंह मीना ने बताया कि बच्चों से संबंधित अपराध होने पर चाइल्ड लाइन और बाल कल्याण समिति से तालमेल बनाकर काम करें। डीआईजी आरकेएस राठौर, एसएसपी धर्मवीर यादव ने भी विचार रखे। इस मौके पर एसपी देहात बृजेश श्रीवास्तव, एसपी क्राइम एसपी सिंह, एसपी ट्रैफिक ओपी यादव, एसपी सिटी बदायूं अनिल यादव, सीओ मुकुल द्विवेदी, असित श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।